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मामले, लेख और होम्योपैथिक ग्रंथों। ejoleli@gmail.com
आश्चर्यजनक रूप से तीसरे दिन लडकी का मेन्स चालू
हैदराबाद स्टार फीचर्स में जब मैं हिन्दी का एडीटर था तब वहां साथ एक चित्रकार काम करते थे। जब उन्होंने जाना कि मैं कुछ होम्योपैथी जानता हूं तो एक दिन उन्होंने अपनी समस्याएं बतायीं। समस्या उनकी पत्नी और बेटी को लेकर थी। बेटी को लेकर उन्होंने बताया कि एक बार मेन्स के बाद उसका मेन्स रूक गया है और काफी जांच पडताल के बाद अंग्रेजी में डाक्टर उसके लिए आपरेशन बता रहे हैं उसके पहले वे बहुत सी दवा खिला चुके हैं , क्या होम्योपैथी में कुछ है इसके लिए। भीतर से मैं घबरा गया कि क्या किया जाए पर फिर मैंने पूछताछ की।
मामला जटिल था पर जो एक बात मेरा ध्यान अटका रही थी वह यह थी कि एक बार मेन्स होकर फिर रास्ता बंद है जिसे आपरेट करने की बात है। तो मुझे लगा कि अगर एक बार रास्ता बन चुका है तो संभवत: दवाएं काम कर जाएं। तो मैंने पूछ ताछ की तो पता चला कि लडकी नमक ज्यादा खाती है और अन्य बातों को देखकर मैंने नेट्रम म्यूर 6 उसे खाने को कहा। बीस दिन खाने के बाद मित्र ने कहा दवा तो खा रह है वह लगातार पर अभी कोई फायदा नहीं दिखता। तब मैंने उसे पूरक दवा पल्साटिला 1 एम की एक खुराक लेने को कहा।
आश्चर्यजनक रूप से तीसरे दिन लडकी का मेन्स चालू हो गया। और मैंने खुद को आश्वसत किया।
प्रस्तुतकर्ता Kumar Mukul पर